Sunday, 5 March 2017

होली के हुड़दंग में....केशव बना जमूरा


• अमित राजपूत
अबकी बार चुनाव मेंहुआ है ऐसा पोल.. केशव भाई के नाम काखूब बजा है ढोल। ढोल के भीतर पोल हवे फिर पीछे से नटनी बोली। बोली कि भइया पोल हवे ये केसुवा बड़ा सयाना, कहो तो धई के खोल देई जो हमका देव बयाना।

पूछा नहीं किसी ने इसको दर-दर ठोकर खायावीएचपी और बजरंग दल में खूब दिखाया माया। माया मिली इसे तब देखो, जब निक्कर इसको भाया। भाया सुन लो बात खरी है, निक्कर का रंग भूरा। भूरा की क्या बात करें ये उनका बना जमूरा... नाच जमूरा... शाबाशनाच जमूरा.... जमकर तड़क-भड़क कर, वह-वह धिन्नक-धिन्नक-धिन्नक धिन।

बुरा न मानो होली है हमने इसकी खोली है। साथ भली है आज मेरे ये कमसिन नटनी बाला, नटखट इसकी बोली-बानी जब से फागुन आया। चख कर रस गुझियों का देखों इसने पता लगाया, केशव को जाने इक बारी केसर बहुत था भाया। केसर वो कश्मीर का छोड़ो काशी प्रान्त का गोया,  पत्ती दो पत्ती पर ना भई पूरे भवन की आशा, भारद्वाज की धरती थी वो हाथ लगी निराशा।

लेकर भइया केशव वहां से मुंह चले बेरंगा, संघ की जिम्मेदारी निभाते बढ़िया मिल गया धंधा। बूचड़खाने सभी पता है इनको, ना लो इनसे पंगा, पंगे की जो बात करोगे कर देंगे ये नंगा नंगे बहुत रहे हैं केशव, भइया केस बड़े हैं इनके, जबसे दिखने लगे ये तगड़े तब से केस बढ़े हैं इनके। इनकी खूब चली दुकनिया हर... हर्र हर्र हर... हर्र।

नटनी बोली जानो पढ़े-लिखे हैं केशव भइया। 302 अउर 153 इनका रट्टा मारे, 420 की गिनती रट-रट बहुत जगह मुंह मारें। मारे शरम के मरिगें बहुतो, कुछ तो छोड़ दिहिन हैं आशा। काहे पाली अइसन हउआ, अब तो माननीय भन केसउवा।

बात पते की सुन लो भइया नटनी भोली प्यारी, गौस मोहम्मद यार थे इनकी चर्चित रही है यारी। याराना वर्दीधारी का नहीं रही फिर रार, केशव का धन बाढ़ा अइसा जाकर बना पहाड़। पेट्रोल पंप की जय हो..। एग्रो ट्रेडिंग की जय हो..। कामधेनु लाजिस्टिक तुम्हरी बड़ी है माया, जबसे आई चौखट इनके कोई न रोड़ा आया। मइया तुम्हरी भी जय हो..। जीवन ज्योति से ज्योति खिली है मनोकामना देवी, केशव को अब भंग चढ़ गई कहलाए ये सेवी। सेवा नहीं चाहिए तुम्हरी.. भइया रंग चढ़ो बंबइया। हीरो बनकर अइसा नाचे बजने लग गए गाजे-बाजे होरी होरी...होरी..होरी..हां।


होली के हुड़दंग मेंरंग गए यूं फैल। ज्यों-ज्यों ये घिसते गएत्यों-त्यों बाढ़ा मैल। मैल कटी फिर खिल गए फूल दुनियादारी गए ये भूल। नेहरू की थाती में जाकर जमकर केशव राजा, मोदी जी की नज़र पड़ी तो खूब बजाया बाजा। यूपी की फिर मिली कमान, और भी चैय्ये इन्हे उड़ान। मोदी जो हैं टरै न टारैं, केशव का जिगरा धइ धइ बाढ़ै।  छोटा मोदी खुद को बोलें, गरजें तो अब अवनी डोले। जबसे इनका बढ़ा रुबाब, पीएम का ये देखें ख्वाब। हमरी नटनी भोली छोरी है, बुरा न मानो होरी है।