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चित्रः साभार |
बेटियाँ...
बेटियाँ... बेटियाँ...
बेटियाँ...
बेटियाँ... बेटियाँ...
देश
के मंगल कल की, तुम ही मंगलयान हो।
तुम कला संगीत तुम, नेत्री तुम्हीं विज्ञान हो।
पढ़ रही हैं-गढ़ रही हैं, बढ़ रहीं अब भान हो...ऽ ऽ ऽ
तुम देश का अभिमान हो!!!
तुम राष्ट्र गौरव-गान हो.... ऽ ऽ ऽ
तुम राष्ट्र गौरव-गान हो।