Tuesday, 25 September 2018

दोहाः दिव्य भोजन


• अमित राजपूत


हरदी के रंग जा चढ़ा,
अपना असर दिखाये।
गुर दरिया संग में मिला,
जौ अन्न के दिब्ब बनाये।।

अन्न के दिब्ब बनाये जबे तौ
दिन्हो आँच लोठाये।
तेज बढ़ी जीवन मा अरु
तिजारी दे छोड़ाये।।

Tuesday, 4 September 2018

पिया संग रास…

छविः साभार

अमित राजपूत
पिया संग रास रचाओ गोरी
जिमि मन भर रंग बरसाओ गोरी
पिया संग रास

नव कलरव नव मीत मिले हैं
द्रुमदल सज धज मस्त खिले हैं
मद नव डूबी मंद हवाएँ
बतिया तनी तो बढ़ाओ थोरी
पिया संग रास

चहुँ ओर धूरि गुलाल उड़त है
फगुन मास तन मधु ही झरत है
मिल सखि साजन चाँदनी रतिया
प्रीत की गाँठ लगाओ डोरी
पिया संग रास

काजर नैनन सँइया जी लखत हैं
छुअत अंग जिया वेग बढ़त है
कटि कर जकर पियासी रैना
छक गटक गटक के तलक भोरी
पिया संग रास