Wednesday, 19 December 2018

सब अपने आप हो जाये


चित्रः साभार
• अमित राजपूत
तेरे लब को चूमूँ तो गुलाब हो जाये,
पत्थर भी पिघलकर जैसे आब हो जाये!
मोहब्बत के दरिया में यूँ तो तैरना न आता है,
दुआ पढ़ता हूँ रोज़, सब अपने आप हो जाये!!

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