Wednesday, 4 December 2019

रुस्वाइयाँ

PC: MattAbraxas


जाकर कोई कह दो उन्हें,
अब ख़्यालों में न आया करें!
रुस्वाइयाँ होंगी बहुत, तो हुआ करें।
कह दो...
हम उन्हें भूल जायें इसकी भी दुआ करें।


खिलेगा चमन...

चित्रः साभार


खिलेगा चमन, ग़ुलिश्ताँ में रंग आयेगा
न होगी तूबा भर, ग़ज़ब का ढंग आयेगा।
चोखा चढ़ेगा रंग, भले ही धीमे-धीमे
होगी पूरी बारात, चाहे न कोई संग जायेगा।
खिलेगा चमन...
खिलेगा चमन, ग़ुलिश्ताँ में रंग आयेगा।