ब्राह्मण
Wednesday, 4 December 2019
खिलेगा चमन...
चित्रः साभार
खिलेगा चमन
,
ग़ुलिश्ताँ में रंग आयेगा
न होगी तूबा भर
,
ग़ज़ब का ढंग आयेगा।
चोखा चढ़ेगा रंग
,
भले ही धीमे-धीमे
होगी पूरी बारात
,
चाहे न कोई संग जायेगा।
खिलेगा चमन...
खिलेगा चमन
,
ग़ुलिश्ताँ में रंग आयेगा।
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