ब्राह्मण
Tuesday, 20 April 2021
लिखूँगा...
आम हो या ख़ास लिखूँगा
,
सुबह को सुबह शाम को शाम लिखूँगा।
ढलने दो सूरज को ज़रा और
उलझने तमाम लिखूँगा।।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment