Thursday, 31 March 2016

सरोकारी विमोचन...



जब पूरी दुनिया आईएसआईएस के दंश को झेल रही हो और खुलेआम जिहाद के बेढंगे राग के साथ हिंसा का नंगा नाच नाचा जा रहा हो तब ऐसे में भारत को इस जिहादी ख़तरे से भला कोई सरोकार क्यूं न हो, वो भी तब जब भारत को लगातार जिहादी धमकियाँ मिल रही हैं...

एक भारतीय मुसलमान के द्वारा इस्लाम में किस तरह से सुधार लाया जा सकता है, कुछ ऐसे ही पहलुओं को कुरेदनें का उम्दा प्रयास तुफ़ैल अहमद ने अपनी क़िताब "Jihadist Threat to India" में किया है। तुफ़ैल दक्षिण एशिया की इस्लामिक गतिविधियों और उर्दू मीडिया पर पैनी नज़र के साथ विशाल जानकारी रखते हैं।
कल विवेकानन्द इंटरनेशनल फ़ाउण्डेशन में तुफ़ैल अहमद की क़िताब "Jihadist Threat to India" का विमोचन भारत सरकार के केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरण रिजिजू के कर कमलों द्वारा किया गया।

यहाँ विमोचन के अलावा रॉ के पूर्व प्रमुख श्री विक्रम सूद जी की अध्यक्षता में 'Jihadist Threat to India: The Case for Islamic Reformation by an Indian Muslim' विषय पर एक सार्थक विमर्श भी हुआ। इसमें भारतीय थल सेना के भूतपूर्व जनरल एनसी विज सहित सुशांत सरीन और लेफ्टिनेण्ट जनरल अता हसनैन शामिल थे।

दिलचस्प है कि क़िताब "Jihadist Threat to India" का प्रकाशन 'INFOLIMNER MEDIA' ने किया है और इस प्रकाशन के मालिक नलिन कुमार और और लेखक तुफ़ैल अहमद दोनो ही आईआईएमसिएन्स हैं.


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