Saturday, 29 October 2016

उत्तर प्रदेशः स्थापना

अमित राजपूत


आने वाले 01 नवम्बर को उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। अधिकारित तौर पर इसकी स्थापना 01 नवम्बर, 1956 ई. को मानी जाती है। लेकिन इससे पहले इसे उत्तर प्रदेश यूनाइटेड प्रॉविंस के नाम से जाना जाता रहा है। सन् 1902 में नॉर्थ वेस्ट प्रॉविंस का नाम बदलकर यूनाइटेड प्रॉविन्स ऑफ़ आगरा एण्ड अवध कर दिया गया। साधारण बोलचाल की भाषा में इसे यूपी कहा गया। 1920 में प्रदेश की राजधानी को इलाहाबाद से लखनऊ कर दिया गया। सन् 1950 में जब नया संविधान लागू हुआ तो उसी के साथ ही 12 जनवरी 1950 को इस संयुक्त प्रान्त का नाम उत्तर प्रदेश कर दिया गया।

उत्तर प्रदेश का ज्ञात इतिहास लगभग 4000 साल पुराना है, जब आर्यों ने अपना पहला क़दम इस जगह पर रखा। इस समय वैदिक सभ्यता का प्रारम्भ हुआ और उत्तर प्रदेश में इसका जन्म हुआ। आर्यों का फ़ैलाव सिन्धु नदी और सतलुज के मैदानी भागों से यमुना और गंगा के मैदानी क्षेत्र की ओर हुआ। आर्यों ने दो-आब (यमुना और गंगा का मैदानी भाग) और घाघरा नदी क्षेत्र को अपना घर बनाया।
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। ये 2,38,566  वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल मे फैला हुआ है जो मुख्यतः अवधबघेलखंडब्रजबुंदेलखंड, पूर्वांचलरोहिलखंड व गांगेय क्षेत्रों में बंटा है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। इसके पड़ोसी राज्य उत्तराखण्डहिमांचल प्रदेशहरियाणादिल्लीराजस्थानमध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है।

लगभग 20 करोड़ की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश केवल भारत का अधिकतम जनसंख्या वाला प्रदेश ही नहीं बल्कि विश्व की सर्वाधिक आबादी वाली उप राष्ट्रीय इकाई है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि विश्व में केवल पाँच देश चीन, संयुक्त राज्य अमेरिकाइंडोनिशिया, ब्राज़ील और स्वयं भारत की जनसंख्या ही उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। वास्तव में समूचे ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की जनसंख्या भी उत्तर प्रदेश के बराबर नहीं है। कानपुर इस प्रदेश का सबसे बड़ा महानगर है।
साक्षरता- 69.72%
लिंगानुपात- 908/1000
भाषा- हिन्दी, उर्दू
राजकीय पक्षी- सारस या क्रौँच
राजकीय पेड़- अशोक
राजकीय पुष्प- पलाश
राजकीय चिन्ह- मछली एवँ तीर कमान
उच्च न्यायालय- इलाहाबाद (खण्डपीठ- लखनऊ)
लोकसभा सदस्योँ की संख्या- 80
राज्यसभा सदस्योँ की संख्या- 31
सदन व्यवस्था- द्विसदनीय (विधान सभा व विधान परिषद)।


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