• अमित राजपूत
आप जैसी हो वैसी रहो-2
यूँ ही ख़ुद में मचलती रहो-2
आप जैसी हो वैसी रहो-2
हम तो कर जायेंगे
दिन गुजर जायेंगे
जो भी है वो सहती रहो...
आप जैसी हो वैसी रहो-2
तुम ही सोचो ज़रा क्या ही कर पायेंगे
बिन तुम्हारे भला कितना चल पायेंगे-2
उठ खड़ी हो मेरी, हमनवा...
तुम भी मेरे संग-संग चलो...
आप जैसी हो वैसी रहो-2
यूँ ही ख़ुद में मचलती रहो-2
आप जैसी हो वैसी रहो।
हम तो कर जायेंगे
दिन गुजर जायेंगे
जो भी है वो सहती रहो...
आप जैसी हो वैसी रहो-2
वक़्त की जेल का मैं हूँ क़ैदी मगर
ताप से बेड़ियाँ भी पिघल जायेंगी-2
बनके आँधी तो देखो, नाज़नीन...
फिर सदा यूँ ही उड़ती रहो...
आप जैसी हो वैसी रहो-2
यूँ ही ख़ुद में मचलती रहो-2
आप जैसी हो वैसी रहो।
हम तो कर जायेंगे
दिन गुजर जायेंगे
जो भी है वो सहती रहो...
आप जैसी हो वैसी रहो-2
कितनी मासूम हो तुम, तुम्हारी ख़ता
इश्क़ में जो डुबाकर भुलाया पता-2
है पता तुमको कितना, बाख़ुदा...
अब ज़रा कुछ तो इजरा करो...
आप जैसी हो वैसी रहो-2
यूँ ही ख़ुद में मचलती रहो-2
आप जैसी हो वैसी रहो-2
हम तो कर जायेंगे
दिन गुजर जायेंगे
जो भी है वो सहती रहो...
आप जैसी हो वैसी रहो-2