Monday, 16 July 2018

मैंने इन्द्रधनुष देखा है।

अमित राजपूत


टरो जर से
चलो...
यही प्रक्रिया है।
इकरंगे सादे पर्दों को हटाओ
खिड़कियाँ खोल दो
रोशनी के लिए
मानसून है
जीवन
जहाँ रंग खिले हैं
उसे देखो
इधर-उधर नहीं,
लक्ष्य साधो
ईशान में
मैंने इन्द्रधनुष देखा है।

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