Monday, 25 January 2021

हमको हुआ तुमसे प्यार

∙ अमित राजपूत

चित्रः हरिओम सिंह


तुम जबसे आयी हो संग हमारे

हमको किया है दुलार...

हवा की नमी कह रही है

हमको हुआ तुमसे प्यार

 

शक है तो पूछो, सिन्धू के जल से

केसर की क्यारी, या फिर डल से

मर्गों की शोख़ी, ये ख़ुशबू हज़ार...

हमको हुआ तुमसे प्यार...

 

आदत में जैसे, नीलगिरी सी

बोली ओ बानी, है मिसरी सी

सागर सी गहरी, हो हिन्द की धार...

हमको हुआ तुमसे प्यार...

 

सप्तर्षिमण्डल, पुच्छल ध्रुवतारे

भिन भिन आशीष रहें सब सारे

सूरज-चंदा भी देखो कैसे

तारों की झिलमिल कतार...

हमको हुआ तुमसे प्यार...


तुम जबसे आयी हो संग में हमारे

हमको किया है दुलार...

हवा की नमी कह रही है

हमको हुआ तुमसे प्यार

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