चित्र: साभार |
शेर
दिल से दिल लगाया, दिल को जीने ना दिया!
दिल्लगी दिल से ना की, हमको मरने ना दिया!!
दिल्लगी दिल से ना की, हमको मरने ना दिया!!
गीत
तुम बिन जीऽ नहीं, जाये गुजरिया!
सच कहूँ मान, रे हाय सुपिरिया!!
तुम बिन जीऽ नहीं, जाये गुजरिया!
सच कहूँ मान, रे हाय सुपिरिया!!
नित-नित इत-उत, कहाँ मँझाऊँ!
चैन ना कतो ढिग, कहाँ को जाऊँ
तड़पूँ अस जस, जेठ मछरिया!!
तुम बिन... (१)
सरपत जइसे, चाक करत है,
जइसे रहि रहि, घाव सरत है!
वइसे तिन-तिन, जिगर झरत है
हाल कहूँ अरु, का रे दुलरिया!!
तुम बिन... (२)
अपने गत की, आप मालकीं,
मोरे गति की, तुमहिं सारथी!
कहो उतारूँ, नित्य आरती,
केहु पट चैन न, तोहे सुथरिया!!
तुम बिन... (३)
-अमित राजपूत