Saturday, 8 July 2017

सूबे में ब्राह्मणों की लगातार हो रही हत्याओं पर चुप क्यों हैं योगी ?



-अमित राजपूत-
इसे अतिरेक कहें या अतिशयोक्ति लेकिन ये सच्चाई है कि उत्तर प्रदेश के भीतर रायबरेली जिले में 5 ब्राह्मणों की हुई एक साथ नृशंस हत्या ने योगी आदित्यनाथ को शक के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है | इस घटना के तक़रीबन 10 दिन के भीतर ही फतेहपुर जिले की खागा तहसील के भखरना गांव में एक ब्राह्मण शिक्षक बालकृष्ण तिवारी को उन्हीं के घर के पास ही उनको बेरहमी के साथ मार डाला गया | हालांकि गांव वाले बताते हैं कि उस अध्यापक का किसी के साथ कोई लेन-देन अथवा कोई झगड़ा नहीं था | सूबे में आसपास के क्षेत्र की लगभग यह दूसरी घटना है जिसमें ब्राह्मणों की हत्याएं हुई हैं, लेकिन योगी आदित्यनाथ की पुलिस उनके अपराधियों तक पहुंच पाने में नाकाम है, जबकि यही योगी आदित्यनाथ इन जानलेवा अपराधियों को अल्टीमेटम के लहजे नें प्रदेश के बाहर जाने को कह दिया था |

ऐसे में सवाल यह है कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बातें या उनके अल्टीमेटम को ये अपराधी मजाकिया लहजे में ले रहे हैं या फिर खुद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनको क्या अपने लहजे में कभी जवाब दे पाने में सक्षम भी हो पाएंगे भला?

वास्तव में उत्तर प्रदेश के भीतर इस बीच ब्राह्मणों की लगातार हो रही हत्याएं किस ओर इशारा कर रही हैं ? इसी बीच योगी सरकार के कद्दावर नेता और मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के  बेहद शर्मनाक बयानों का क्या मतलब निकाला जाए? हकीक़त तो यही है कि शपथ ग्रहण के बाद गोरखपुर के मंच से योगी आदित्यनाथ ने खुलेआम यह फरमान सुनाया था कि उत्तर प्रदेश के भीतर अपराधी और इस तरह की खल प्रवृत्ति के लोग या तो तत्काल सुधर कर यहां रहने लगें और पुरानी प्रवृतियों को छोड़ दें अथवा प्रदेश छोड़ कर बाहर चले जाएं |

ऐसे में क्या योगी आदित्यनाथ या उनकी पुलिस सूबे की जनता को यह भरोसा दिला पाने में खुद को खरा पाती है कि वह इन अपराधियों की जल्द से जल्द धर-पकड़ करके उनको जेल के भीतर भेज देगी|

ज़मीनी हकीक़त यह भी बताती है कि इस तरह की हत्याओं में संलिप्त मुख्य अपराधी धड़ल्ले से फरार होकर बाहर घूम रहे हैं और एकाध मोहरेनुमा पकड़े गए लोगों को जेल और थानों के भीतर पुलिस ने पकड़ कर रखा भी है, यानी दिखाने के लिए तो पुलिस वालों के पास अपराधी हैं, लेकिन योगी आदित्यनाथ जिन माफियाओं और गुंडों की बात गोरखपुर के मंच से कर रहे थे, वह तो सूबे की सरकार की ढीला-हवाली के चलते योगी की नाक के नीचे आज भी अन्ना घूम रहे हैं और हत्याएं दर हत्याएं होती चली जा रही हैं | क्या ऐसे बड़े-बड़े हिस्ट्रीशीटरों का पता योगी लगा पाने में नाकाम हैं?

भखरना गांव के 'बीकेटी हत्याकांड' में ब्राह्मण शिक्षक बालकृष्ण तिवारी की हत्या का मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर बच्छराज पहले की तरह ही निर्द्वन्द्व घूम रहा है | ऐसे में सोचना यह होगा कि क्या वो अपराधी जो अब तक की सरकारों में खुलेआम घूमते आए हैं, उनको योगी सरकार जेल के भीतर पहुंचा पाने में कामयाब होगी ? फिलहाल योगी आदित्यनाथ ने जितनी मजबूती के साथ उस मंच पर दंभ के स्वर में जो बातें कही थी वह सब जमीन पर दिखाई पड़ता नहीं पड़ रहा है |

ऐसे में फिलहाल उन जिलों की जनता जहां इस तरह की घटनाएं हुई हैं उनका ध्यान पूरी तरह से योगी आदित्यनाथ की पुलिस की कार्यवाही और मुख्य रूप से योगी के अटेंशन पर लगा हुआ है कि वह किस तरह से ऐसी घटनाओं से निपटते हैं और क्या वाकई बच्छराज जैसे अपराधियों को पकड़ कर योगी आदित्यनाथ जेल में ठूंस पाने में कामयाब होंगे जिससे कि उत्तर प्रदेश के ऐसे गांवों में वहां के लोग चैन की सांस ले सकें |

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