ब्राह्मण
Monday, 20 May 2019
सूरज की छाती पर चढ़कर
सूरज की छाती पर चढ़कर
याचना नहीं हम लड़कर
बतलाएँगे
कबुलाएँगे
अपने हिस्से की रोशनी ले आयेंगे।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment