ब्राह्मण
Tuesday, 16 January 2018
सुकून लाया हूँ...
चेहरे पर आफ़ताब समेटे बाहों में सुकून लाया हूँ,
चिलमन उठाओ तो सही, तुम्हारे दर पे आया हूँ।
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