Tuesday, 20 March 2018

ख़ुद से मिला हूँ...



च्युत हुआ सो मर गया मैं पर कहाँ मैं च्युत हुआ !
भटका जो राहें इब तलक लो हाल तुमको भी पता
था अकेला जब भी मैं तब ख़ुद को देखा, ख़ुद को पाया,
मौन होकर ढूँढ़ा रब को, ख़ुद में जाकर मिल गया !!

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