Wednesday, 24 February 2021

वो अब मुझसे नहीं बोलती

Paint by: John Bramblit

वो अब मुझसे नहीं बोलती,

राज़ दिलों के नहीं खोलती।

कहती है प्यार को समझती हूँ, बहुत

भीतर से झूमती है, बाहर से नहीं डोलती।।

 

उसको लगता है कि मैं हवा में हूँ!

कमनसीबी क्या जानेगी, इश्क़ की वबा में हूँ।

इलाज़ कर सकती नहीं तो कोई बात नहीं,

पर वो है कि इंसुलिन ही नहीं खोलती।।

वो अब मुझसे...

 

मैंने कहा कुछ दिल की कहना हो तो कह लो,

प्यार गहरा है मेरा, कुछ सहना हो तो सह लो।

लड़ना है लड़ो- ख़ुद से, ख़ुदा से, अपनी ख़ुदाई से,

"क्या कहना है, कुछ नहीं!" कहकर भीतर से खौलती।।

वो अब मुझसे...

 

प्यार ना हो तो बात और है, क्या करना!

सालता है दिल्लगी है, पास रहकर दूर रहना।

वो ऊँची-मैं नीचा, मैं ऊँचा-वो नीची रह-रहकर तौलती।।

वो अब मुझसे नहीं बोलती,

राज़ दिलों के नहीं खोलती।

 

कहती है प्यार को समझती हूँ, बहुत

भीतर से झूमती है, बाहर से नहीं डोलती।

वो अब मुझसे नहीं बोलती,

राज़ दिलों के नहीं खोलती।

∙ अमित राजपूत

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