Monday, 2 October 2017

मासूम परी


अमित राजपूत
मासूम परी लौटी आयी
मासूम परी लौटी आयी

हुआ जगमग जग सारा
मन उपवन मेरा
सींचे है ख़ुद को
ख़ुद हर्षित है अब 
हरा-भरा सब लागे...
आयीरुत मस्तानी मन भायी
मासूम परी लौटी आयी
मासूम परी लौटी आयी

लहद मेरे अरमानों की अब
प्राण भरी पुटकी दिखती है
झीनी वाली चादर थी जो
मखमल जैसी वो लगती है
कब के सोये जागे...
पूरीकर लो आज मिताई
मासूम परी लौटी आयी
मासूम परी लौटी आयी

तेरा प्रेम अमिट जाना मैंने
चहुँ ओर सखी साखी है ये
फिर लौट ग़ज़ब आना तै ने
ताना तन मन बन धन जाना
उसे अरुणाँचल तक साजे...
देखोप्राची शफ़क़ भर आयी
मासूम परी लौटी आयी

मासूम परी लौटी आयी
मासूम परी लौटी आयी ।

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