ब्राह्मण
Thursday, 26 October 2017
अभिमन्यु
∙ अमित राजपूत
मिज़ाजी इश्क़ जब सर पर सवार होता है
उफ़ान जब दरिया का साहिल के पार होता है
,
व्यूह में फंसी हो ग़र धर्मराज की सेना
तो सुभद्राजना कोई अभिमन्यु ही तैयार होता है।
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