ब्राह्मण
Saturday, 17 October 2015
एकता का जश्न...
जो हुआ ग़फलतन भूलो उसको
वो बहते आंसू, वो उठती चीत्कारें
वो, कुछ अनसुनी सी पुकारें
विस्मृत पिताओं की वो ठण्डी सी यादें
बल लो उनसे
,
और बढ़ो आगे
आओ...। एकता का जश्न मनाएं
सरदार पटेल को याद करें
एक रहने की प्रतिबद्धता जताएं।
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