Tuesday, 11 November 2014

आया सावन

आया सावन झूम-झूम कर
चली हवा जब सर फर सर,
बोले बादल गर्र-गर्र-गर्र
ले आते जल झट पट भर।
दमकी दामिनी कर तड़ कर
खग भी चहकें  चर पर चर,
बरसें मेघा जल भर कर
बच्चे भीगें तर सर तर।
नौका छोड़ें बना-बना कर
महकी कलियाँ खिल-खिल कर,
बखें हर्ष कलापी नाच-नाच कर
मदमस्त सभी हैं झूम-झूम कर।
गगन भी धमके धमक-धमक कर
दादुर बोलें टर्र-टर्र-टर्र कर,
पंक बना देखो जब दर-दर
आया सावन झूम-झूम कर।


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