ब्राह्मण
Sunday, 30 November 2014
नफ़रत
•नफ़रत करता हूं मै तुझे
नापसंद है मुझे भीड़ भी,
हज़ारों हैं चाहने वाले तेरे
सुकूं है कि यहां तुम बस मेरी हो।
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