ब्राह्मण
Wednesday, 12 November 2014
अहा !
"
अहा ज़िन्दगी
,
ओहो ज़िन्दगी
सूखे सी तासीर ज़िन्दगी
पर ढूंढो तो
,
है कहां ज़िन्दगी।"
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